दुवाओं में जिलाओ मुझे…..

कुछ दूरियों के फासलों पर,
मेरी भी, मंजिल है दोस्तों,
तुम भी चल रहे हो रास्तों पर,
मैं भी चल रहा हूँ दोस्तों ॥

ईमान से बोलूंगा,
बड़े ध्यान से सुनना,
बात बड़े साफ़ दिल की है,
ईमान से सुनना ॥

हाथ उठाया है दुआ में,
मैंने तुम्हारे लिए दोस्तों,
तुम भी दुआ करो,
कुछ मेरे लिए दोस्तों ||

खुदा एक है, जब हमारा तुम्हारा,
तो एक हम कैसे नहीं है, बताओ मुझे,
मेरी हालत से शायद वाकिफ हो तो,
जानकर भी सब कुछ, ना बिसराओ मुझे ॥

एक दुआ ही तो मांगी है,
पूछ अपने खुदा से,
मैं नासमझ नहीं तेरी दुनिया में,
ना समझाओ मुझे ॥

देता है दोनों हाथों से,
उसे मिलता है यहाँ सबकुछ,
कुछ और नहीं दे सकते,
तो दुवाओं में जिलाओ मुझे ॥

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