मेरी जिंदगी की कहानी है….!

कुछ लम्हों में सिमट जाती है, हर साँस में अटक जाती है, जब भी जिक्र आता है, उसका मेरे सामने से गुज़र जाती है ॥ कुछ अपने में ही कहती है, कभी रोती है, कभी हंसती है, बस कितना भी हो दर्द भरा, वो रो हंस कर ही सहती है ॥ कभी किस्मत के हत्थे चढ़ […]

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इस बार जिला दूंगा खुद को…..!

इस बार जिला दूंगा खुद को, पूरी ही पिला दूंगा खुद को, या मिल जाऊंगा खुद से मैं, या खुद से जल दूंगा खुद को || बस ठान लिया, ये मान लिया, कैसे भी करके पाना है, बस जीना है तो ऐसे ही, वरना मुझको मर जाना है || बस खोज रहा, और सोच रहा, […]

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कुछ नहीं बस ये बात मुक्कदर की….!

ज़रा सी तो बात थी, मानी तो होती, मेरी क्या शर्त थी, जानी तो होती || तेरे ही इशारों पर, गुज़री है अब तक, मेरी भी जुबानी, मानी तो होती || कई ऐसे लब्ज़ हैं, जो घुल से गए हैं, अनसुने शब्दों की, कहानी तो होती || मैं हूँ, और मेरा दोस्त हमसफ़र है, कुछ […]

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नया मोड़ – Few Lines

एक नया मोड़, नया रास्ता दिखाता है, कुछ दूर चलने पर, फिर मुड़ जाता है, दो कदम सीधे चले, फिर आगे हाथ पर, कभी दाएं तो कभी बाएं मुड़ जाता है ||

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प्रहर प्रचंड बीतने को….

उठी उमंग मेरे संग, क्या लगी है लाग सी, जल रही है धीरे धीरे, लग गई है आग सी || प्रहर प्रचंड बीतने को, हार को भी जीतने को, है समय गुहार देता, उस ब्युगुल को फूंकने को || है वही नवरूप देखो, जो धुमिल था समय पथ पर, फिर बना विचार कुंदन, जलकर इस […]

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फिर मिलूंगा अगले बरस….. Happy New Year…..

नया साल आया है, देखो खुमार छाया है, हुआ, जो भुलाकर, नए मोड़ लाया है || कुछ बातें हमारी थी, कुछ तुमने निकाली थी, बीतने को है वो जो, कड़वाहट हमारी थी || जब बरस बदला है, खुद को भी थोड़ा बदलें, गिर चुके बहुत अब, गिरकर अब पूरा सम्भलें || आशीष, अमन, सुकून हो, […]

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निर्जीव का काम है…..!

चलती सांसे प्रमाण हैं, ह्रदय भी चलायमान है, उत्कृष्ट उदाहरण जीवन के, फिर भी मरने के सामान है || है सब कुछ दीखता आँखों से, मैं देख रहा हूँ कब से ये, मैं सुन सकता हूँ कानो से, बड़ी देर से सुन रहा हूँ ये, पर मैं बोल नहीं सकता मुँह से, मजबूरी इसका नाम […]

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मैं मुर्दा ही अच्छा…..!

किस से गिला करूँ, शुरुआत खुद से करता हूँ, औरों का क्या कहूँ, जब मैं, मेरी ही नहीं सुनता || लोगों से अक्सर नाराज़ हो जाता हूँ, पर खुद से कैसे बयां करूँ, मजबूर दिल है की, मेरे जिस्म में अब भी धड़कता है || खुद को मारकर जीता हूँ यारों, सांसे बस दिखाने के […]

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जीवन ने कुछ और लिखा, मेरे पन्नों के सीने पर…..!

कुछ और कहानी लिखनी थी, मुझको जीवन के पन्ने पर, पर जीवन ने कुछ और लिखा, मेरे पन्नों के सीने पर || मैं कलम हाथ ले बैठा था, सुन्दर रचनाओं को आतुर, उसने तक़दीर का कलम लिया, और पकड़ा बिलकुल उल्टा सुर || क्या सपने संजोये थे मैंने, अपने जीवन को लेकर के, अब उल्टा […]

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मैं पूरा समंदर पी बैठा……!

मैं पूरा समंदर पी बैठा, फिर भी प्यासा खड़ा यहाँ, मैंने नमक तो खाया दुनिया में, पर हासिल में ये प्यास मिली || मैं जितना पीते जाता हूँ, प्यास उतनी बढ़ती जाती है, दिल छोड़ रहा है आस यहाँ, पर, घड़ियाँ बढ़ती जाती हैं || जो मिला यहाँ मुझसे तो बस, समंदर बनकर बैठा हैं, […]

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