गिरते आंसू सब देखें,
मन का रोना क्या जाने,
मैं हँसता हूँ बस उप्पर से,
भीतर का कोई क्या जाने ||
जो बीती है, वो बीत रही,
मैं हारा, दुनिया जीत रही,
दिल की अनसुनी बातों का,
कोई फ़साना क्या जाने ||
वो अपना था, या सपना था,
जो आकर, सुबह में बीत गया,
जब यही कहानी, अपनों की,
तो कोई पराया क्या जाने ||
है कस्मे वादे सब झूठे,
झूठी दुनिया में, है जीते,
क्या कैसे है, सब भूल गए,
कोई वादे निभाने क्या जाने ||
गिरते आंसू सब देखें,
मन का रोना क्या जाने,
मैं हँसता हूँ बस उप्पर से,
भीतर का कोई क्या जाने ||
Too good !
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Thank You Sharmaji….
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Welcome !
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